हालांकि हम सब आज 21वी शताब्दी में रहकर हर पल science and technology जैसे smartphones, AI, और कई तरह gadgets से घिरे हुए हैं लेकिन इसके बावजूद कुछ प्राचीन चीजें ऐसी हैं जो आज के modern world में भी उतनी ही महत्वपूर्ण हैं।
ऐसी ही एक ancient Indian science है ‘वास्तु शास्त्र’।
वास्तु शास्त्र अर्थात वो प्राचीन विज्ञान जो भवन निर्माण, वास्तुकला और दिशाओं के सिद्धान्तों को दर्शाता है। यदि सरल शब्दों में कहा जाए तो ये आज के architecture का प्राचीन स्वरुप है।
वास्तु शास्त्र यह सिखाता है कि कैसे एक घर, कार्यालय और किसी भी संरचना को positive energy के प्रवाह के लिए डिजाईन और व्यवस्थित कैसे किया जाए।
हालाँकि modernity की वजह से आजकल कई लोग ‘वास्तु’ को ignore कर देते हैं परन्तु Globe Realty Group ने हर एक villa को ऐसे डिजाईन किया है जिससे आपको सिर्फ ‘महल जैसा घर’ ही नहीं बल्कि एक ऐसी जगह मिले जिसमे positive energy हो, वास्तु के नजरिये से बेस्ट हो, और वो आपके लिए हर तरह से perfect हो।
आइये इस ब्लॉग के द्वारा विस्तार से जानते हैं कि वास्तु शास्त्र किन सिद्धांतों पर काम करता है, इसके लाभ क्या क्या हैं और Globe Realty Villas मैं कैसे वास्तु शास्त्र को modern facilities के साथ खूबसूरती से जोड़ा गया है।
वास्तु शास्त्र के मुख्य सिद्धांत

वास्तु शास्त्र मूलतः हमारे शास्त्रों में बताये गये पांच तत्वों और दिशाओं के सही संतुलन पर आधारित होता है।
ये पांच तत्त्व हैं: पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि, और आकाश।
संतुलन बनाने के लिए इन पांच तत्वों के बीच परस्पर क्रिया होती है जिसका प्रभाव पृथ्वी पर रहने वाले हर जीव पर पड़ता है।
इसीलिए ये पांच तत्त्व सामंजस्य स्थापित करने की अवधारणा पर आधारित हैं अर्थात इनका इस तरह से संतुलित प्रवाह रखना जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे।
आईये देखते हैं कि किस तत्त्व के लिए कौनसी दिशा निर्धारित की गयी है जिससे उनमे सामंजस्य बना रहे।
तत्त्व | प्रतिनिधि दिशा | जीवन पर प्रभाव |
पृथ्वी | South West | स्थिरता, नींव, पारिवारिक मजबूती |
जल | North East | शुद्धता, स्पष्ट सोच, अध्यात्म |
अग्नि | South East | स्वास्थ्य, पाचन, ऊर्जा |
वायु | North West | संबंध, संचार, समाजिकता |
आकाश | मध्य भाग | ब्रह्मस्थान – ऊर्जा केंद्र, विस्तार |
इन दिशाओं और तत्वों के सामंजस्य के अनुरूप निर्माण ही वास्तु शास्त्र है।
चाहे आप नया घर खरीदना चाहते हैं या फिर अपने घर का निर्माण देखना चाहते हैं इस टेबल के माध्यम से आप दिशा और वास्तु का अंदाज़ा लगा सकते हैं।
वास्तु के कुछ प्रमुख सिद्धांत-
1. मुख्य द्वार:
यदि वास्तु शास्त्र के अनुरूप देखा जाये तो घर का मुख्य द्वार पूर्व या उत्तर दिखा में होना शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यही से प्रकृति की सकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है।
2. रसोईघर:
वास्तुशास्त्र के अनुसार South-East दिशा अग्नि का प्रतिनिधित्व करती है इसलिए रसोईघर हमेशा south-east में होना चाहिए।
३. पूजा स्थान:
North-East direction जिसे वास्तु के अनुसार ईशान कोण माना जाता है किसी भी निर्माण में ये स्थान पूजा के लिए सबसे शुभ होता है।
4. शयनकक्ष:
यदि आपका बेडरूम south-west में है तो ये स्थायित्व और विश्राम के लिए सबसे शुभ माना जाता है। इसलिए वास्तु के इस सिद्धांत का अवश्य ध्यान रखें।
5. खिड़कियाँ और वेंटिलेशन:
वास्तु शास्त्र के अनुसार वायु और रोशनी का घर में प्रवाह संतुलित होना बहुत ज्यादा जरुरी है जिससे मानसिक शान्ति बनी रहती है इसलिए किसी भी निर्माण में खिड़कियाँ और proper वेंटिलेशन होना बहुत जरुरी है।
वास्तुशास्त्र के लाभ
1. मानसिक और भावनात्मक संतुलन:
भागदौड़ भरी life में घर सबके लिए सुकून की जगह होती है ऐसे में यदि वास्तु अनुसार घर का निर्माण किया गया हो तो घर का वातावरण शुद्ध और शांत रहता है।
2. अच्छा स्वास्थ्य:
कई बार वास्तुशास्त्र के सिद्धांत छोटे-छोटे और गैर जरूरी लगते हैं परन्तु ये छोटे छोटे दिखने वाले बदलाव बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं। इन सिद्धांतों का पालन करके घर को और positive बनाया जा सकता है जिससे रहने वालों का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है।
3. पारिवारिक संबंधो में मधुरता:
वास्तुशास्त्र घर में रहने वालों के आपसी संबंधों को भी प्रभावित करता है। इसलिए इसके सिद्धांतों का पालन करके घर के सदस्यों के बीच बेहतर सम्बन्ध और तालमेल बनाये जा सकते हैं।
4. आर्थिक समृद्धि:
घर का सही वास्तु आपके करियर और बिज़नस को भी प्रभावित करता है अर्थात सही वास्तु से आपको आर्थिक समृद्धि में वृद्धि होती है।
5. बच्चों की एकाग्रता में वृद्धि:
सही वास्तु से न सिर्फ आपके घर में हर जगह का सही उपयोग होता है बल्कि एक अनुकूल वातावरण भी बनता है जिससे एकाग्रता में भी वृद्धि होती है।
6. अध्यात्मिक उन्नति:
वास्तु अनुसार पूजा का सही स्थान होने से मन में स्थिरता और श्रृद्धा आती है।
Globe Realty Villas में वास्तु शास्त्र का सटीक और सही तरीके से प्रयोग
यदि आप villa इन ajmer देख रहे हैं तो ये ध्यान में रखने योग्य है कि घर सिर्फ उसकी डिजाईन से ही नहीं बल्कि हर तरह से आपके लिए perfect होना चाहिए।
Globe Realty ने अपने villas और घर में प्राचीन वास्तु शास्त्र को modern तकनीकों को एकसाथ जोड़ा है जिससे आपको मिले एक पूर्णतः सकारात्मक घर।
आइये जानते हैं कि Globe Realty ने कैसे वास्तु के साथ हर विला को बनाया है आपके सपनो का घर-
1. मुख्य द्वार पूर्व या उत्तर दिशा में:
Globe Realty Villas में हर villa में इस बात का ध्यान रखा गया है की मुख्य द्वार उत्तर या पूर्व दिशा की तरफ हो जिससे अच्छी और positive energy का स्वागत हो।
2. रसोईघर अग्नि कोण में:
घर कैसा भी हो यदि उसमे रहने वालों का स्वास्थ्य सही नहीं है तो घर घर नही लगता।
इसीलिए globe realty villas में रसोईघर को अग्नि कोण में बनाया गया है जिससे आपका स्वास्थ्य ऊर्जा और पारिवारिक समृद्धि बनी रहे।
3. पूजा घर ईशान कोण में:
वास्तु के अनुसार पूजाघर के लिए सबसे उपयुक्त और सही जगह ईशान कोण है और globe realty villas में इस बात का खास ख्याल रखा गया है।
4. प्राकृतिक वेंटिलेशन और रोशनी की सही योजना:
प्राकृतिक वेंटिलेशन और रोशनी के लिए हर विला में खिड़कियों और ओपनिंग्स को ऐसी दिशा में प्लान किया गया है कि दिनभर ताजगी और प्रकाश बना रहे।
5. वास्तु ग्रिड के अनुसार प्लाट और कमरों का लेआउट:
सिर्फ घर का अच्छा बने होना या डिजाईन होना ही मायने नही रखता ये भी जरूरी है की हर कोने सही उपयोग किया गया हो। Globe Realty Villas में कमरों और प्लॉट का लेआउट वास्तु ग्रिड के अनुसार तय किया गया है, जिससे हर दिशा का सही उपयोग और संतुलन सुनिश्चित हो सके।
घर केवल रहने की ही जगह नहीं है बल्कि यह हमारी भावनाओं, आशाओं, और ऊर्जा का भी केंद्र होता है।
इसीलिए Globe Realty Villas में modern techniques और सभी facilities के साथ साथ वास्तु का भी पूरा ध्यान रखा गया है ताकि हर परिवार को उनके घर में सुकून, मानसिक शांति, और भौतिक आराम मिले।
यदि आप एक ऐसा villa in Ajmer ढूंढ रहे हैं, जो आधुनिक भी हो और पारंपरिक मूल्यों से भी जुड़ा हो, तो Globe Realty Villas आपके लिए एक आदर्श विकल्प है।
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